Top Guidelines Of बबूल के फायदे और नुकसान





अधिकता में सेवन अपच और कब्ज़ का कारण बनता है।

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आंखों से अगर पानी बहता हो, तो बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ काजल की तरह लगाने से काफी आराम मिल सकता है। बबूल के तने की छाल और बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर आंखों को धोने से कई तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं।

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एलर्जी की समस्या वाले लोगों को बबूल गोंद के अधिक सेवन से बचना चाहिए अन्यथा ये उनके उनकी एलर्जी की समस्या में वृद्धि भी कर सकता है।

कुछ लोगों को बबूल के इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है इससे बचने के लिए पहले थोड़ी मात्र में बबूल का सेवन करें।

टॉन्सिल को ठीक करने में बबूल का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप बबूल की छाल से गरम काढा बनाये एवं उसमें काला नमक मिला कर गरारा करे इससे आपके टॉन्सिल जल्द ही ठीक हो जाएगें।

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इसके प्रयोग से खून के जोश की भी शांति होती हैं।

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चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए पेड़ के उपयोगी हिस्से: पत्तियां, छल, गोंद, और बीज।

बबूल की कोमल पत्तियों के एक चम्मच रस में थोड़ी-सी हरड़ का चूर्ण या शहद मिलाएं। इसका सेवन करने से पेचिश में फायदा होता है।

जब आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण होता है तो यह आपके लिए बहुत असुविधाजनक होता है। ऐसी स्थिति में आपको पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्‍टर आपको कोई सिरप या दवा देगा। आप बबूल गोंद का भी उपयोग कर सकते हैं, क्‍योंकि अधिकांश सिरप में बबूल गोंद मुख्‍य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आपको गले में जलन click here और दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप इसका सेवन करने से गले के संक्रमण के दौरान राहत प्राप्‍त कर सकते हैं।

बबूल के गोंद को घी में तलकर, पाक करके सेवन से वीर्य बढ़ता है।

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